मेघालय और नागालैंड में वोटिंग जारी, कई प्रतिद्वंद्वियों के बीच कड़ा मुकाबला

भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्यों नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग शुरू हो गई है. नागालैंड में 60 सीटों पर जबकि मेघालय विधानसभा की 59 सीटों के लिए मतदान हो रहे हैं.
नागालैंड और मेघालय चुनाव से जुड़ी बातें
– नागालैंड में राज्य में 13 लाख से अधिक मतदाता हैं तथा 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों के लिए चार महिलाओं एवं 19 निर्दलीय समेत 183 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
– मेघालय में कई सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला हो रहा है, जहां कांग्रेस, बीजेपी और कॉनराड संगमा की एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) के अलावा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भी मैदान में है.
-पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और कई अन्य कांग्रेस विधायकों के दलबदल के बाद तृणमूल राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बन गई है. कांग्रेस, जिसने पिछली बार 21 सीटें जीती थीं और सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. इस बार उसे अपने मतदाता आधार में कमी का सामना करना पड़ा है.
-2018 में, बीजेपी ने केवल दो सीटें जीतीं, लेकिन एनपीपी के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही. इस बार भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर संगमा की पार्टी के साथ अनबन के बाद 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
-कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) दोबारा कार्यकाल हासिल करने की कोशिश कर रही है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी की ताकत लगा दी है.
– बीजेपी और संगमा दोनों ने तृणमूल कीचुनौती को खारिज कर दिया है. संगमा ने कहा है कि तृणमूल को खुद को स्थापित करने और लोगों को उन्हें स्वीकारने में काफी समय लगेगा.
-नगालैंड की 60 विधानसभा सीटों में से 59 पर त्रिकोणीय मुकाबला है. 2018 में राज्य की 60 में से 12 सीटें जीतने वाली भाजपा एनडीपीपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. सीटों के बंटवारे के समझौते के तहत एनडीपीपी 40 सीटों पर और बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
हालांकि, बीजेपी ने अपना खाता पहले ही खोल दिया है, उसके उम्मीदवार काज़ेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से फिर से निर्विरोध चुन लिया गया है, क्योंकि उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी.
विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट 23 और 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह चुनाव के बाद गठबंधन का विकल्प चुन सकती है.
नगालैंड में इस बार चार महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. जबकि राज्य में हर क्षेत्र में अग्रणी पदों पर महिलाएं हैं.

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